चंडीगढ़। हरियाणा विधान सभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार को 103.80 फीसदी उत्पादकता के साथ संपन्न हुआ। इस दौरान कुल 16 घंटे 59 मिनट कार्यवाही चली, जिसमें अपनी बात रखने के इच्छुक सभी 64 विधान सभा सदस्यों ने भाग लिया। 15 दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर को संपन्न हुए शीतकालीन सत्र में कुल 4 विधेयक पारित किए गए। कुल 851 दर्शकों ने सत्र की कार्यवाही देखी। इनमें से 595 स्कूली बच्चे और स्टाफ शामिल रहा। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर पत्रकारों के साथ सत्र संबंधी जानकारी साझा की।
इस बार सत्र का विशेष आकर्षण राज्य गीत के चयन के लिए आया एक सरकारी प्रस्ताव रहा। इस प्रस्ताव के साथ 3 प्रस्तावित गीत भी सदन भी सुनाए गए। गीतों पर चर्चा के बाद चयन के लिए विधायकों की एक कमेटी का गठन किया। विधायक लक्ष्मण सिंह यादव की अध्यक्षता में इस कमेटी में विधायक बिशंभर सिंह वाल्मीकि, गीता भुक्कल, नीरज शर्मा, जोगी राम सिहाग को शामिल किया गया है।
इसी प्रकार, जींद जिला के एक स्कूल प्रधानाचार्य द्वारा छात्राओं के यौन शोषण संबंधी आरोपों की जांच के लिए भी सदन ने एक समिति का गठन किया है। इस मामले को लेकर सदन में काफी बहस हुई है। पहले मामले की न्यायिक जांच का निर्णय लिया गया था, लेकिन बाद में सदन ने विधायकों की कमेटी गठित करने का निर्णय लिया। संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में विधायक भारत भूषण बत्रा, असीम गोयल और अमरजीत ढांडा को सदस्य नामित किया गया है। हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन इस कमेटी में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
तीनों दिन प्रश्नकाल रहा। इसके लिए 60 तारांकित प्रश्न कार्यवाही का हिस्सा बने, जिनमें से 41 प्रश्नों के जवाबों पर सदन में चर्चा हुई। कुल 47 विधायकों के तारांकित सवाल इस सत्र में शामिल किए गए, इनमें भाजपा 16, कांग्रेस के 23, जजपा के 3, इनेलो के 1 तथा 4 निर्दलीय विधायक शामिल रहे। इनके अलावा 97 अतारांकित प्रश्न भी कार्यवाही का हिस्सा बने। सत्र के दौरान तीनों दिन शून्यकाल रहा। तीनों दिन शून्यकाल की कार्यवाही 4 घंटे 55 मिनट रही। इस दौरान कुल 64 विधायकों ने भाग लिया। इनमें भाजपा के 26 विधायक, जजपा के 5, कांग्रेस 27, इनेलो के 1 और निर्दलीय 5 विधायक शामिल रहे।
शीतकालीन सत्र के लिए 62 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुई थीं। इनमें 13 ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इसी प्रकार स्थगन प्रस्ताव के लिए 1 सूचना प्राप्त हुई थी, जिसे ध्यानाकर्षण प्रस्तावों में तब्दील कर दिया गया। 2 गैर सरकारी प्रस्ताव भी आए थे, जिन्हें अस्वीकृत कर दिया गया। अल्प अवधि चर्चा के लिए 3 प्रस्ताव मिले थे, इन्हें भी अस्वीकृत कर दिया गया। नियम 84 के तहत चर्चा के लिए भी एक प्रस्ताव आया था, जिसे अस्वीकृत कर दिया गया। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि उन्होंने बोलने के चाहवान सभी सदस्यों को समय देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान सभी दलों का सहयोग सराहनीय रहा है। इसके साथ ही उन्होंने विधायकों से अपील की कि उन्हें सदन की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अपनी बात रखनी चाहिए।