ओडिशा में एक ट्रैन में बड़ा हादसा होने से टल गया। दरअसल, ओडिशा के कटक रेलवे स्टेशन पर भुवनेश्वर-हावड़ा जनशताब्दी ट्रेन के एक कोच में भीषण आग लगने की खबर आई है। लेकिन, फायर सर्विस के कर्मियों ने समय रहते ही आग पर काबू पा लिया और बड़ा हादसा होने से टल गया और समय रहते आग पर काबू पाने के चलते इस हादसे में इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। वही, जानकारी के अनुसार कटक रेलवे स्टेशन पर रुकने के लिए हावड़ा-जनशताब्दी एक्सप्रेस में जैसे ही ब्रेक लगा, तब एक कोच के पहियों के पास से धुआं निकलने लगा। जिसे देखते ही देखते उस डिब्बे में आग की लपटे और भी ज्यादा बढ़ने लगी लेकिन समय रहते आग पर काबू पा लिए गया।
कटक रेलवे स्टेशन के अधिकारी और फायर ब्रिगेड कर्मी बिना किसी देर के दुर्घटनास्थल पहुंचे और मौके पर पहुंच गए और कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया। सुरक्षा जांच के बाद ट्रेन को अपने गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया। ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) ने एक बयान में कहा, ‘ब्रेक-बाइंडिंग (पहिए से ब्रेक शू के अलग न होना) के कारण 12074 भुवनेश्वर-हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस को कटक रेलवे स्टेशन पर सुबह 6.30 बजे से रोका गया। पहिए से ब्रेक शू को अलग करने के बाद में उस ट्रेन को लगभग 7.15 बजे कटक से रवाना कर दिया गया था। ‘
यह घटना आज सुबह की है, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर वायरल है। इसमें देखा जा सकता है कि एक ट्रेन स्टेशन पर खड़ी है, जिसके एक कोच के निचले हिस्से से धुंआ उठ रहा है. कुछ लोग अग्निशमन यंत्रों की मदद से ट्रैन की कोच की आग बुझाने में जुट गयी। पहिए से ब्रेक शू के अलग नहीं होने के कारणों की जांच की जा रही है. ईस्ट कोस्ट रेलवे के बयान में कहा गया कि कोच के अंदर कोई आग नहीं थी. इससे पहले सितंबर में गुजरात के वलसाड के पास तिरुचिरापल्ली- श्रीगंगानगर हमसफर एक्सप्रेस के पावर कोच में आग लग गई थी।
वही, यात्रियों ने ट्रेन के डिब्बों से आग की लपटें और धुआं निकलते देखा तो ट्रैन में मौजूद सभी लोग काफी डर गए थे और अफरा-तफरी मच गई थी। देखते ही देखते आग ने पड़ोस के दो डिब्बों को अपनी चपेट में ले लिया था. हालांकि, इस घटना में किसी को कोई नुक्सान नहीं हुआ था और सभी यात्रियों को समय रहते ही डिब्बों सुरक्षित बाहर निकाल लिया था। आरपीएफ और जीआरपीएफ की टीम ने अग्निशमन कर्मियों की मदद से आग पर काबू पाया था। ट्रेन सूरत की ओर जा रही थी। हालांकि, आग पर काबू पाने के बाद ट्रैन को उसकी डेस्टिनेशन के लिए रवाना कर दिया था।