Breaking News

इलैक्ट्रिक वाहन नीति वापस लें प्रशासन: पवन बंसल

पूर्व सांसद पवन कुमार बंसल ने चंडीगढ़ प्रशासन से कम से कम वर्तमान परिस्थितियों में अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत पेट्रोल/डीजल और इलैक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण के लिए कोटा प्रणाली पर अपना अनावश्यक हठ छोड़ने को कहा है, जिसके तहत परम्परागत पेट्रोल/डीजल इंजन वाले वाहनों का पंजीकरण साल-दर-साल आधार पर एक निश्चित सीमा तक सीमित कर दिया गया है।

बंसल ने कहा कि जबकि इलैक्ट्रिक वाहनों को लोकप्रिय बनाने की हर कोशिश एवं प्रोत्साहन वांछनीय है,  परन्तु इसे युक्ति संगत तरीके से एवं सोच समझ कर लागू किया जाना चाहिए। इस अवसर पर चंडीगढ़ प्रशासन ने बिना पर्याप्त विचार किए,  एक तदर्थ आधार पर इस नीति को अपनी मनमर्ज़ी से लागू करने के लिए एक के बाद एक घोषणाएं की है, जिससे शहर के नागरिकों में एक चिंता पैदा हो रही है । बंसल ने कहा कि वास्तविकता यह है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के सीमित उत्पादन और उपलब्धता के चलते परम्परागत  पेट्रोल/डीजल इंजन वाले वाहनों के  पंजीकरण पर एक सीमा से परे जा कर प्रतिबंध लगाने का समय अभी नहीं आया है। इस स्तर पर नीति लागू करने का निर्णय प्रशासन के मनमाने और अड़ियल रवैये का आभास कराता है, जिसके कारण अक्सर वह आम लोगों के विचारों और आकांक्षाओं को नज़रअंदाज़ कर देता है।

बंसल ने कहा कि आज समय की मांग है कि इस मुद्दे को समग्र और लोगों के अनुकूल  दृष्टिकोण के साथ हल किया जाए और इस नीति को लागू करने से पहले इलैक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता, बैटरी की आयु सीमा, समाप्त हो चुकी बैटरी के निस्तारण और रीसाइक्लिंग में आने वाली कठिनाइयों और उस पर आने वाली पर्यावरणीय लागत जैसे कारकों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। इसके अलावा, शहर में चार्जिंग पॉइंटों की बेहद अपर्याप्त संख्या, जिसके परिणामस्वरूप इलैक्ट्रिक वाहनों के मालिकों के समय की अकारण बर्बादी होती है और उनके घरों में चार्जिंग की सुविधा प्रदान करने का कोई प्रावधान न होना भी ऐसी गम्भीर कठिनाइयाँ हैं, जिनका असरकारक निपटान, इस नई वाहन नीति को लागू करने से पहले, करना अत्यंत आवश्यकता है।  इलेक्ट्रिक वाहनों का बेहद मंहगा होना भी एक अन्य कारक है जो इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने में लोगों को हतोत्साहित कर रहा है । इस समस्या का शीघ्र समाधान भी इस नीति को युक्ति संगत तरीके से लागू करने में सहायता करेगा।

बंसल ने आगे कहा कि नई वाहन नीति के कार्यान्वयन में एक बड़ी खामी यह भी है कि पूरे देश में कहीं भी ऐसी कोई नीति लागू नहीं है। वास्तव में, यह एक ऐसा मामला है जिसे केवल चंडीगढ़ द्वारा अकेले नहीं निपटाया जा सकता है और इस मामले में एक राष्ट्रीय नीति बनाए जाने की ज़रूरत है । आज प्रशासन द्वारा परम्परागत इंजन वाले वाहनों के पंजीकरण की सीमा तय करने से एक ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जहां शहर के निवासी दोपहिया वाहनों की खरीद के लिए पंचकुला और मोहाली जा रहे हैं और एक महीने के बाद अन्य वाहनों के मामले में भी यही स्थिति होगी, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र शासित प्रदेश को राजस्व हानि भी होगी और आम जनता को अकारण परेशानी। बंसल ने मांग की कि चंडीगढ़ प्रशासन को शहरवासियों के हित में इलेक्ट्रिक वाहन नीति लागू करने के अपने आदेश को तुरंत वापस लेना चाहिए।

About admin

Check Also

Haryana News

पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने पंजाब की सीमा से लगते दाता सिंह-खनौरी बॉर्डर का किया निरीक्षण, लिया स्थिति का जायजा

चंडीगढ़। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बीते कल किसान संगठनों के दिल्ली कूच के दृष्टिगत …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments

No comments to show.