चंडीगढ़। शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि केंद्र सरकार का पक्षपातपूर्ण तथा अड़ियल रवैया ही भाई बलंवत सिंह राजोआणा के केस में बड़ी रूकावट है। आज यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 28 सालों से जेल में तथा 17 साल से फांसी की चक्की में बंद भाई बलंवत सिंह राजोआणा की फांसी की सजा को उमरकैद में तबदील कराना तथा जल्दी रिहाई करने के लिए प्रयास करना अकाली दल अपना राष्ट्रीय कर्तव्य समझता है। उन्होने कहा कि 2012 में अकाली दल तथा उस समय की पंथक सरकार के मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल की कोशिशों के कारण ही अदालत द्वारा भाई राजोआणा के जारी डेथ वारंट को भी लागू नही होने दिया गया था।
सरदार बादल ने केंद्र से अपील करते हुए कहा कि देश में सिखों को अलग-थलग महसूस नही कराया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि सिख एक देश भक्त तथा सरबत का भला मांगने वाला समुदाय है। सरदार बादल ने भाई राजोआणा संबंधी अपील पर देश के गृह मंत्रालय द्वारा 12 साल तक भी फैसला न लेने को मानवीय अधिकारों का उल्लंघन करार देते हुए कहा है कि यह बहुत बड़ा अन्याय है और देश के कानून का भी उल्लंघन है।
सरदार बादल कहा कि अकाली दल द्वारा किए गए प्रयासों के कारण ही श्री गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर अक्टूबर 2019 में केंद्र सरकार द्वारा भाई राजोआणा तथा बाकी बंदी सिंहों की रिहाई के लिए नोटिफिकेशन जारी करके मुकर जाना भी बहुत बड़ा धोखा है। उन्होने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं लोकसभा में बयान दिया था कि ‘‘ 1984 में इंदिरा गांधी ने श्री अकाल तख्त साहिब’ पर हमला करके बड़ा गुनाह किया था जो सिखों के लिए गहरा जख्म है’’। उन्होने कहा कि इन जख्मों का खामियाजा न झेलते हुए भाई राजोआणा तथा उनके साथियों ने कानून तोड़ा था। कानून तोड़ने तथा अदालत द्वारा मिली सजा यह दोगुनी भुगत चुके हैं।
सरदार बादल ने केंद्र सरकार को अपील करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी तथा अन्य कांग्रेसी हुक्मरानों द्वारा सिखों को दिए घावों पर मरहम लगाने के लिए भाई राजोआणा की फांसी की सजा को तुरंत उमरकैद में तबदील किया जाए। उन्होने कांग्रेसी सांसद रवनीत बिटटू से भी अनावश्यक तथा तीखी शब्दावली पर लगाम लगाने के लिए कहा है। उन्होने पंथ से अपील करते हुए कहा कि भाई राजोआणा का मसला पूरे सिख समुदाय का है और इसका समाधान करने के लिए समुदाय को एकजुट होकर गंभीरता से कोशिश करनी चाहिए। उन्होने भाई राजोआणा संबंधी शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की है।