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Himachal: आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के बदले क्षतिग्रस्त मकान की बिजली काटने की माकपा ने की करी निंदा

सरकाघाट। सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र की गैहरा ग्राम पंचायत के खड़ेहर गांव में वर्षा प्रभावित पुन्नू राम और अमी चन्द जो बीपीएल और अनुसूचित जाति से सबन्ध रखते है उनके मकान अगस्त माह में हुई भारी बारिश में ढह गए थे। इनके परिवार तब से लेकर स्थानीय प्राइमरी स्कूल खण्डहर में रह रहे है। लेकिन प्रशासन और सरकार ने इनकी मदद करने के बजाए उन्हें और ज़्यादा परेशान करने का ही काम किया है। इन्हें पटवारी और नायब तहसीलदार द्धारा अब ये कहा जा रहा है कि उनके बुजुर्गों ने मकान सरकारी भूमि में बनाया था इसलिए उन्हें सहायता नहीं मिलेगी। बिजली विभाग ने इनकी बिजली का कनेक्शन भी काट दिया था जो शिमला में मुख्यमंत्री को की गई शिक़ायत और मीडिया में आने के बाद दो दिन पहले बहाल किया था। जिसके चलते ये सरकार से सहायता राशी देने और मकान बनाने के लिए सुरक्षित जगह पर ज़मीन देने की मांग कर रहे हैं।

अमीं चन्द ने मुख्यमंत्री हेल्पलाईन पर तथा 25 नवंबर को शिमला जाकर भी ये मांग की थी। बिजली विभाग ने पिछले दिनों जो इनके घर से बिजली का कनेक्शन काट दिया था और उन्होंने जो मुख्यमंत्री हेल्पलाईन पर इसकी शिकायत दर्ज की तो विभागीय अधिकारियों ने इसके बारे में भी ग़लत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज दी थी। लेकिन जब इसकी पुष्टि करने के लिए पिछले कल सीएम हेल्पलाईन से अमीं चन्द से इसके बारे में बात की तो उन्होंने सबंधित कर्मचारी को इसकी शिकायत पर संतुष्ट नहीं होने के बारे में बताया और साथ ही में फ़ोन करने वाले कर्मचारी को भी खूब खरी खोटी सुनाई। क्यूंकि वह प्रभावित व शिक़ायतकर्ता से अंग्रेज़ी में दिए विभागीय अधिकारी के जबाब को पढ़कर उसे सुना रहा था जो उसे समझ नहीं आ रहा था। उन्होंने फ़ोन कॉल करने वाले को बताया कि उन्हें नायब तहसीलदार ने धमकाया भी है तो उस पर भी कार्यवाई होनी चाहिए। इस प्रकार गैहरा पंचायत के प्रभावितों को मुआवजा व ज़मीन देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

प्रभावित व बेघर हुए अमीं चन्द ने साफ़ तौर पर कहा कि तीन दिन पहले वहां आए नायब तहसीलदार ने उन्हें धमकी दे डाली और पटवारी को नाजायज़ कब्जे की फाईल जल्दी तैयार करके उन्हें पेश करने के लिए मौके पर ही आदेश जारी कर दिए थे। हालांकि, उसके बाद सत्ताधारी दल के नेता ने भी वहां दौरा किया था और प्रभावितों को डैमेज सूची में शामिल करने और उन्हें सहायता का आश्वाशन दिया है। उधर पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने जिन्होंने इस सारे मामले को दोबारा उठाने और प्रभावितों को मुआवजा देने के लिए इनकी मदद की है और कर रहे हैं ने बताया कि सरकार को मुख्यमंत्री हेल्पलाईन पर शिक़ायत कर्ताओं से बात करने वाले कर्मचारियों को हिंदी में बात करने के लिए निर्देश जारी करने चाहिए और जो अमीं चन्द के मामले में झूठी कहानी बना कर रिपोर्ट भेजी गई है उस कर्मचारी और अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाई करनी चाहिए।उन्होंने मांग की है कि प्रशासन ने इन परिवारों को सरकार द्धारा घोषित सहायता जल्दी जारी नहीं कि तो वे उसके लिए अगले सप्ताह सरकाघाट में धरना देंगे।

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