केलंग। लाहुल घाटी के आराध्यदेव राजा घेपन घर-घर जाकर ग्रामीणों को सुख व समृद्धि का आशीर्वाद दे रहे हैं। आराध्यदेव तीन साल बाद घाटी के दौरे पर निकले हैं। देवता के दौरे पर निकलने से लाहुल घाटी का माहौल भक्तिमय हो गया है। हर गांव में देवता का पारंपरिक स्वागत हो रहा है। लोग अपने आराध्यदेव के गांव में पहुंचने पर देव वाद्य यंत्रों से स्वागत कर रहे हैं। हजारों ग्रामीण इस धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा लेकर राजा घेपन से सुख व समृद्धि का आशीर्वाद ले रहे हैं। राजा घेपन अक्टूबर के दूसरे सप्ताह अपने देवालय से बाहर आए थे।
राजा घेपन दर्जनों गांव का दौरा करने के बाद इन दिनों मुलिंग, बरगूल और शिपटिंग गांव के दौरे पर हैं। शनिवार को मुलिंग में उनका श्रद्धालुओं द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। गौर हो कि लाहुल घाटी के आराध्यदेव राजा घेपन हर तीन साल बाद लाहुल घाटी के दौरे पर निकलते हैं तथा हर घर में दस्तक देकर सुख व समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। मान्यता है कि जब तक राजा घेपन देवालय नहीं लौटते हैं तक तक भारी हिमपात नहीं होता है। उनके देवालय लौटने के बाद ही लाहुल घाटी बर्फ की मोटी चादर ओढ़ती है। इतिहास कार मोहनलाल रेलिंगपा का कहना किलाहुल घाटी के आराध्यदेव राजा घेपन हर तीन साल बाद लाहुल घाटी के दौरे पर निकलते हैं तथा हर घर में दस्तक देकर सुख व समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इन दिनों राजा घेपन सैकड़ों श्रद्धालुओं संग मुलिंग व बरगूल गांव पहुंचे हैं। उन्होंने आराध्यदेव दो महीने लाहुल घाटी का दौरा करेंगे। उदयपुर के मडग्रां तक परिक्रमा करने के बाद वापस देवालय की ओर लौटेंगे।