सीटू से सबंधित मनरेगा और निर्माण मज़दूरों ने आज हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सचिवालय के बाहर अपनी मांगों के लिए तीन दिवसीय महाधरना शुरू किया जो अगले दो दिन भी जारी रहेगा। जिसका नेतृत्व राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर, विजेंद्र मेहरा, प्रेम गौतम, जोगिन्दर कुमार, भूपेंद्र सिंह, दिनेश काकू, रणताज़ राणा, करतार सिंह चौहान, जगत राम, अजय दुलटा,अमित कुमार, चमन लाल इत्यादि ने किया। जिसमें केंद्र सरकार से श्रम कानूनों को रद्द करके कोड में बदलने और मनरेगा योजना के लिए बजट में की गई कटौती का विरोध किया गया। इसके अलावा हिमाचल सरकार द्वारा मनरेगा मज़दूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से बाहर करने और उन्हें मिलने वाली सहायता पर लगी रोक जल्दी हटाने की मांग की गई।
राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार मनरेगा योजना का बजट घटा रही है और इसे पंगु बना रही है तथा श्रम कानूनों को रद्द करके कोडो में बदल दिया गया है जिससे मज़दूरों के बजाए कम्पनियों के हितों की हिफाज़त के प्रावधान किए गए जिनका विरोध हो रहा है और इन्हें रद्द करने की मांग हो रही है। विजेंद्र मेहरा ने कहा कि राज्य सरकार बिजली के नए मीटर लगाने का निर्णय लिया है जिससे आम उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ेगा और उनकी लूट की जाएगी इसलिए ये मीटर नहीं लगने चाहिए।
राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के सदस्य व निर्माण फेडरेशन के महासचिव भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में बनी कांग्रेस सरकार ने कार्यभार संभालते ही राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से पंजीकृत साढ़े चार लाख मज़दूरों की सहायता रोक दी है। जिसके ख़िलाफ़ मज़दूरों ने 5 जून को भी सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया था। बोर्ड की इस दौरान तीन बैठकें हो चुकी है। जिनमें मज़दूरों के लंबित लाभ जारी करने, पंजीकरण और नवीनीकरण बहाल करने के निर्णय होने के बाद भी सरकार के इशारे पर ये लाभ जारी नहीं हो रहे हैं।इसलिये आज फ़िर से इस बारे में मुख्यमंत्री को उनके सचिव के माध्य्म से माँगपत्र सौंपा गया और रुके हुए काम को जल्द बहाल करने की मांग की गई।इसके अलावा राज्य सरकार से मनरेगा मज़दूरों को हिमाचल प्रदेश की न्यूनतम मजदूरी 375 रु देने और 120 दिनों का काम सुनिश्चित करने की मांग की और यूनियन ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मजदूरों के लाभ एक माह में जारी नहीं किये गए तो यूनियन सरकार के खिलाफ राजनैतिक अभियान छेड़ेगी जिसके तहत सरकार का एक साल पूरा होने तक मज़दूरों के लाभ जारी नहीं हुये तो सरकार का पुतला दहन अभियान चलाया जाएगा और आगामी लोकसभा चुनावों में सबक सिखाएगी साथ में हाई कोर्ट में भी याचिका दायर करेगी।