सरकाघाट। पिछले डेढ़ साल से बन रहे अवाहदेवी-सरकाघाट-पाडछु राष्ट्रीय उच्च मार्ग 03 का निर्माण कार्य शुरू न होने के कारण जनता का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुंच गया है। प्रशासन हाईवे अथॉरिटी ठेकेदारों किसान सभा और अन्य लोगों की उपमंडल अधिकारी स्वाति डोगरा की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रभावित लोगों ने प्रशासन को ना सिर्फ खूब खरी खोटी सुनाई, बल्कि यहां तक कह दिया कि अगर 15 दिनों में हाईवे का निर्माण शुरू नहीं हुआ तो वह न सिर्फ प्रशासन और नेशनल हाईवे के अधिकारियों की बैठकों का बाईकाट करेंगे, बल्कि अब सीधे घेराव और जन आंदोलन किया जाएगा। सीटू जिला अध्यक्ष और किसान नेता पूर्व पार्षद भूपेंद्र सिंह ने कहा की राजनेताओं और प्रशासन की नाकामी के चलते शुरू से ही नेशनल हाईवे का निर्माण पूर्णतया विवादों में रहा है और इसे करवा रही कंपनी की मनमर्ज़ी से सरकार, प्रशासन और आम जनता पिछले कई दिनों से परेशानी झेल रही है और उसमें पिछले दिनों हुई भारी वर्षा ने और इज़ाफ़ा किया है।
इस उच्च मार्ग के निर्माण कार्य को करने का ठेका भारत सरकार रोड़वेज, ट्रांसपोर्ट और हाइवे विभाग ने गावर कंपनी को दिया गया है और उसने इसे सबलेट करके सूर्या कन्सट्रक्शन कंपनी को आगे दे दिया है। जिससे इसकी जबाबदेही तय नहीं हो रही है। पिछले दिनों इस कंपनी के ख़िलाफ़ धर्मपुर के विधायक ने FIR दर्ज कराई है और सुजानपुर के विधायक ने विधानसभा में मुद्दा उठाया था। लेकिन बाबजूद इसके कार्यप्रणाली में जब सुधार नहीं हुए तो हिमाचल किसान सभा, एनएच प्रभावित संघर्ष समिति और नागरिक सभा सरकाघाट ने 7 अक्टूबर को सरकाघाट में प्रदर्शन किया था और एसडीएम को माँगपत्र सौंपा था और भारत सरकार के रोड़वेज, ट्रांसपोर्ट और हाईवे विभाग के परियोजना निदेशक का हमीरपुर में घेराव करने की चतेवनी दी थी।जिसके चलते पिछले कल एसडीएम सरकाघाट ने एनएचएआई, कंपनी प्रबंधन, राजस्व विभाग, नगर परिषद व हिमाचल किसान सभा व अन्य संगठनों के साथ निर्माण कार्य की समीक्षा की और कार्यों को पूरा करने की समयसारिणी निर्धारित की है।
पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सबसे पहले सरकाघाट बाजार की सड़क को ट्रक यूनियन प्वाइंट टिहरा रोड़ से जमसाई तक दीपावली से पहले कंप्लीट किया जाएगा।बाज़ार में वह रहे नालियों के पानी को नालियों में तथा साईड पर बनी ऊंची नालियों से लोगों को चढ़ने व उतरने के लिए अस्थायी तौर पर सीढ़ियों की व्यवस्था तथा गड्ढे भरने का काम सोमवार से पहले पूरा किया जायेगा। धूल को रोकने के लिए दिन में कम से कम दो बार या ज़रूरत पड़ने पर तीन बार भी पानी का छिड़काव किया जायेगा।सरकाघाट से पाड़छु और अवाहदेवी कि ओर छोटे छोटे नालों पर जो कल्वर्ट डाले गए हैं उन्हें 15 दिनों में कम्प्लीट किया जायेगा तथा घरों के आसपास जो ल्हासे गिरे हैं उन्हें नवंबर माह के अंत तक लगा दिया जायेगा।इसके अलावा जो रास्ते व पानी के स्त्रोत टूटे हुए हैं उन्हें भी ठीक किया जायेगा।मलबे को डम्पिंग स्थानों पर ही डाला जायेगा और राजस्व विभाग अधिगृहित जमीन की निशानदेही अगले15 दिन में करके वहाँ पर निर्माण कार्य पूरा करवाया जायेगा।
सँघर्ष समिति के सयोंजक पूर्ण चन्द पराशर ने बैठक में मांग रखी कि सभी भूमिमालिकों को ली गई ज़मीन की निशानदेही व अक्स ततिमा दिया जाये तथा पेड़ों का मुआवजा भी दिया जाये।बस और ट्रक ले वे के लिए अधिग्रहित भूमि का भी मुआवजा दिया जाये और कुछ भूमि व मकान मालिकों को अभी तक भी मुआवजा नहीं मिला है जो जल्दी जारी किया जाये।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि हिमाचल किसान सभा ने प्रशासन व कंपनी को दो टूक शब्दों में कह दिया है कि वे और अन्य लोग अब उनकी किसी बैठक में नहीं आएंगे और अब सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे क्योंकि अब तक दर्ज़नो बैठकें हो चुकी हैं लेकिन कंपनी और एनएचएआई के कान पर जूं तक नहीँ रेंगती है और ये मनमाने ढंग से ही काम करते हैं।इसलिये जिन जिन कार्यों के लिए उन्होंने 15 दिन में पूरा करने के बारे में माना है तो अगर वे नहीं हुए तो उसके बाद इनके ख़िलाफ़ उग्र आंदोलन होगा जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन व सरकार की होगी। भूपेंद्र सिंह ने विधायक चंद्रशेखर व पुलिस अधीक्षक मंडी से भी ये जानना चाहा है कि यदि सच में ही एफआईआर इस कंपनी के ख़िलाफ़ दर्ज कराई गई है तो उस पर अब तक क्या कार्यवाई हुई है उसके बारे में भी जनता को अवगत कराया जाये।उन्होंने ये भी मांग सरकार से उठायी है कि भारी बारिश के कारण बहुत सी जगह ल्हासे अधिगृहित जमीन से बाहर भी गये हैं जिसका मुआवजा कंपनी व सरकार को देना चाहिए।