चंडीगढ़,15 दिसंबर। मजदूर संगठन सीटू (CITU) हरियाणा की राज्य अध्यक्ष और कामकाजी महिला समन्वय समिति की संयोजक सुरेखा ने प्रेस ब्यान जारी करते हुए कहा कि क्रेचों में फीस लगाया जाना सरकार का महिला विरोधी कदम है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे क्रेचों में अब सरकार ने प्रति बच्चा प्रति माह फीस लगाने का आदेश दिया है। सरकार का यह आदेश पूर्ण रूप से कामकाजी महिलाओं के विरुद्ध है।
कामकाजी महिलाओं की लंबे समय से मांग रही है कि कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच केंद्र खोले जाएं ताकि महिलाएं अपनी सामाजिक भूमिका अदा कर सकें। हम सब जानते हैं कि आज-कल परिवारों में बच्चों का पालन पोषण महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ा काम बन गया है। जब तक बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी सामाजिक रूप से वहन नहीं की जाती है तब तक महिलाएं बड़ी सामाजिक भूमिकाएं अदा नहीं कर पाएंगी।
उन्होंने बताया कि सरकार एक तरफ महिला वंदन एवं महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें कर रही हैं और दूसरी तरफ महिलाओं को सामाजिक भूमिकाओं में आने के लिए निरुत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि सीटू (CITU) हरियाणा राज्य कमेट मांग करती है कि सरकार को अपने इस आदेश को तुरंत वापस ले, सभी गांव एवं शहर की सभी कॉलोनी में क्रेच खोले जाएं और उनका समय 9:00 बजे से 5:00 बजे तक निर्धारित किया जाए। क्रेच केंद्रों में सुविधाओं की गुणवत्ता एवं स्टाफ की पूरी भर्ती पर विशेष ध्यान दिया जाए।