सरकाघाट। उपमंडल की गैहरा और भरनाल पंचायतों में आपदा से प्रभावित परिवारों की समीक्षा करने के लिए एसडीएम स्वाति डोगरा ने एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है जो सात दिन के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देगी। इन पंचायतों में करीब डेढ़ दर्जन से भी ज्यादा परिवार स्थानीय पटवारी और अन्य अधिकारी अधिकारियों पर आरोप लगा रहे थे कि उन्होंने पिक एंड चूज पैटर्न को फॉलो करते हुए डैमेज रिपोर्ट तैयार की है। बार-बार अनुरोध करने पर जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो इन परिवारों ने बैठक बुलाकर प्रशासन को संघर्ष की चेतावनी दे डाली। अल्टीमेटम के तुरंत बाद एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा ने नायब तहसीलदार भद्रोता की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है जो सूची से बाहर रह गए परिवारों के नुकसान का आकलन करके राहत मैन्यूल के हिसाब से मुआवजे की सिफारिश करेगी।
सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र की गैहरा पँचायत के डेढ़ दर्जन परिवार डैमेज सूची में शामिल नहीं हैं। अगस्त माह में हुई पलयकारी वर्षा के प्रभावित परिवारों को स्थानीय राजस्व कर्मचारियों द्वारा डैमेज रिपोर्ट में शामिल न करने का मामला राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड सदस्य और सीटू नेता भूपेंद्र सिंह द्वारा आपदा प्रभावित गैहरा का दौरा करने और प्रभावितों की व्यवस्था सुनने बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंचाया था और उन्होने बताया था की इन सभी परिवारों के मकान पूर्ण या आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं लेकिन राजस्व विभाग की लापरवाही से इन्हें रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। गौरतलब है कि गोपालपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत गेहरा के गांव खंडहर अमीचन्द, पुन्नू राम, हेत राम, प्रकाश चन्द, गौरी दत्त गदयाडू गांव के रत्न चन्द, शेर सिंह,जय राम, अनिल कुमार और कश्मीर सिंह गेहरा के कश्मीर सिंह शेलग के भगवान दास झिड़ के लछमन दास, सोहन सिंह और जय पाल काश गांव की लीला देवी और सोहन सिंह और भरनाल इत्यादि के मकान वारिस से क्षतिग्रस्त हो गए थे लेकिन स्थानीय पटवारी ने जो रिपोर्ट बनाई थी और उसे उच्च अधिकारियों को भेजा था उसमें इन परिवारों को शामिल नहीं किया गया है।
इस बारे में स्थानीय पँचायत प्रधान रूपलाल को पता चला तो उन्होंने इसकी जानकारी बीडीओ (BDO) और एसडीएम को दी थी और 26 अक्टूबर को पँचायत से प्रस्ताव भी प्रशासन को भेजा था। लेकिन अभी तक भी इन प्रभावित परिवारों को क्षति वाली लिस्ट में शामिल नहीं किया है। हालांकि, एसडीएम ने इन परिवारों का पुनः सर्वेक्षण करने और स्वयं मौका करने की बात भी की थी लेकिन अभी तक इन्हें लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है और अब ये सरकार द्धारा घोषित राहत पैकेज से भी वंचित हो रहे हैं। इसलिए इन प्रभावित परिवारों का पुनः सर्वेक्षण करने और इन्हें लिस्ट में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। जिन परिवारों ने पहले मकान बना दिए थे जो बारिश से प्रभावित हुए हैं। अधिकांश परिवार अनुसूचित जाति के हैं और उनके पास अतिरिक्त भूमि भी नहीं है और उनकी आर्थिक स्थिति भी बहुत कमज़ोर है।
प्रशासन ईमानदारी से करेगा काम- भूपेंद्र सिंह
राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड सदस्य एवं पूर्व जिला परिषद भूपेंद्र सिंह ने कहा गैहरा में आपदा प्रभावित परिवारों को राहत दिलाने के लिए पिक एंड चूज के साथ-साथ राजनीति की गई है। मामला मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंचा दिया था। एसडीएम द्वारा जांच टीम गठित करने का स्वागत है। उम्मीद है कि प्रशासन ईमानदारी से अब काम करेगा।