सरकाघाट| हिमाचल किसान सभा वर्षा प्रभावित परिवारों को भूमि देने और इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए अभियान चलाएगी।वहीं सरकार व प्रशासन ने अभी तक जुलाई में घोषित सहायता राशि भी अभी तक प्रदान नहीं जिसे जल्द जारी की भी मांग की गई। किसान सभा के अध्यक्ष रणताज राणा प्रभावित मंच के सयोंजक नानक चन्द और पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 30 सितंबर को मुख्यमंत्री ने सहायता प्रदान करने बारे नई घोषणा कर दी है।
जुलाई में घोषित मदद सहायता राशी में मकान ढह जाने पर एक लाख तीस हजार रुपये देने के बारे में कहा गया है लेकिन अभी तक दस दस हज़ार रु बतौर फ़ौरी राहत के रूप में ही प्रभावितों को दिए गए हैं।जबकि अब ये राशी बढ़ा कर सात लाख रुपये देने की घोषणा हो गई है। लेकिन अभी तक इसकी औपचारिक रूप में अधिसूचना और नियमवली जारी नहीं हो पाए हैं। जबकि घोषणा हुए दस दिन गुज़र गये हैं।इसप्रकार सरकार अभी तक केवल मात्र घोषणा ही कर रही है लेकिन धरातल पर मदद उपलब्ध नहीं हो रही है।पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रशासन अभी तक जुलाई माह की घोषणा के अनुसार एक लाख तीस हजार रुपये भी जारी नहीं कर रहा है और अभी तक इसके लिए बजट का अभाव भी बताया जा रहा है।इसलिए सरकार को जल्दी प्रभावितों को सहायता राशि जारी करने के लिए कर्यवाई शुरू करनी चाहिए।उन्होंने बताया कि धर्मपुर उपमण्डल में ही 135 घर पूर्ण रूप में तथा 227 घर आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं|
जिन्हें इस सहायता राशी का इंतज़ार है।उन्होंने सरकार से भूमिहीनों को तीन बिस्वा ज़मीन देने की जो घोषणा की है उसके बारे में भी स्थिति स्पष्ट करे कियूंकि वन अधिकार क़ानून1980 में जब तक केंद्र सरकार संशोधन नहीं करती है तब तक इस घोषणा लागू नहीं हो सकती है। इसलिये राज्य सरकार को इस बारे केंद्र सरकार को आपदा की स्थिति से निपटने के लिए और बेघर हुये लोगों को ज़मीन देने के लिए कर्यवाई जल्द हो सके।उन्होंने बताया कि हिमाचल किसान सभा भूमिहीनों व ख़तरे वाली जगहों पर रह रहे परिवारों को ज़मीन देने और हिमाचल प्रदेश में वर्षा और बाढ़ के कारण हुये 12 हज़ार रुपये करोड़ रुपये के नुक़सान की भरपाई के लिए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए अभियान चलाया जायेगा।जिसकी रूपरेखा 13 अक्टूबर को सरकाघाट में होने वाली बैठक में तैयार की जाएगी।