मणिपुर में चल रही हिंसा थमने के बजाए उल्टा बढ़ती ही जा रही हैं। वही, अब इस हिंसा के बीच इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिलों में गोली लगे हुए एक महिला समेत दो शव बरामद किए गए हैं। पुलिस द्वारा इस घटना की जानकारी गुरुवार को दी गई। एक पुलिस अधिकारी द्वारा बताया गया कि बुधवार को इंफाल पश्चिम जिले के ताइरेनपोकपी इलाके के आसपास एक अधेड़ उम्र की महिला का शव मिला हैं, जिसके सिर पर गोली लगी थी। आगे उन्होंने कहा कि महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए इंफाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) भेजा गया है।
एक अन्य अधिकारी द्वारा बताया गया कि मंगलवार देर रात इंफाल पूर्वी जिले के ताखोक मापल माखा इलाके में एक व्यक्ति का शव मिला हैं, जिसकी उम्र लगभग 40 साल के आसपास हो सकती है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया गया। पुलिस के अनुसार, मृतक की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी और हाथ पीठ के पीछे बंधे हुए थे और सिर पर गोली के घाव थे। अधिकारी ने कहा, एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है।
मई में पहली बार जातीय संघर्ष भड़कने के बाद से मणिपुर बार-बार होने वाली हिंसा की चपेट में है।हिंसा के कारण आए दिन राज्य में कोई न कोई घटना घाट रही है। वही, इस हिंसा के कारण तब से अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं। झड़पें दोनों पक्षों की एक-दूसरे के खिलाफ कई शिकायतों को लेकर हुई हैं। हालांकि, संकट का मुख्य बिंदु मेइतीस को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का कदम रहा है, जिसे बाद में वापस ले लिया गया है और यहां रहने वाले आदिवासियों को बाहर करने का प्रयास किया गया है। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं। हालांकि, हिंसा कब तक थमेगी ये कोई भी नहीं जनता लेकिन इस हिंसा के कारण लोगों के साथ-साथ राज्य को भी भारी नुक्सान हुआ हैं।