मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी धर्मपुर कमेटी ने संधोल में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए महिलाओं द्धारा चलाये जा रहे शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन किया है और स्थानीय विधायक व मुख्यमंत्री से इस दिशा में तुरन्त क़दम उठाने की मांग की है। पार्टी के सचिव व पूर्व ज़िला पार्षद द्वारा मीडिया के माध्य्म से स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भी माह फ़रवरी में वर्तमान मेँ यहां से चुने गए कांग्रेस पार्टी के विधायक चंद्रशेखर को एक माँगपत्र सौंपा था जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता के आधार में सुधारने की मांग की थी कियूंकि पूर्व में भाजपा सरकार के समय में यहां के विधायक जो नंम्बर दो के मंत्री थे तब भी स्वास्थ्य सेवाएं नजरअंदाज की गई थी।
जिसमें संधोल, टिहरा, धर्मपुर, मण्डप और तक कि सरकाघाट में भी स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल थी। लेकिन वर्त्तमान सरकार के समय में भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।विधायक ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक्सरे मशीनें तीन माह में उपलब्ध कराने की बात स्वीकार की थी लेकिन 9 महीने गुज़र जाने के बाबजूद कहीं भी कोई नई एक्सरे मशीन और टेस्टों की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है।इसी प्रकार अन्य ज़रूरी टेस्टों की भी लेबोरेट्रीयां भी नहीं है और छोटे छोटे टेस्टों के लिए भी मंडी, हमीरपुर, टांडा या निजी क्षेत्र में महंगी सेवाएं लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।उन्होंने मांग की है कि सरकार को संधोल, धर्मपुर और टिहरा और सरकाघाट में सभी प्रकार के टेस्टों और विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध कराने को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इसी कड़ी में वहां के महिलाओं ने स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की मांग उठाई है जो बहुत ही जायज मांग है और उसके लिए वे पिछले दिनों से प्रदर्शन भी कर रही हैं। लेकिन स्थस्नीय विधायक द्धारा इस बारे में उनसे इस बारे में बात न करना और उनकी मांगों को पूरा करने बारे संज्ञान न लेना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।साथ ही उन्होंने उन भाजपा नेताओं की भी आलोचना की है जब वे सरकार में थे तब तो उन्होंने लोकनिर्माण और जलशक्ति महकमें में ठेकेदारी को बढ़ावा दिया और स्वास्थ्य के क्षेत्र को नजरंदाज किया था वे अब अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए महिलाओं के गैर राजनैतिक आंदोलन में पहुंच कर राजनीति करने में जुट गए हैं जबकि वे ही इस दुर्दशा के असली जिम्मेवार हैं।