सरकाघाट। जिला परिषद कैडर अधिकारी एवं कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधियों ने गत शुक्रवार को स्थानीय विधायक चंद्रशेखर से मुलाकात कर अपनी मांगों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि महासंघ के कर्मचारियों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर भी प्रशासन का सहयोग किया। पंचायत सचिवों और तकनीकी सहायकों ने गत 27 जुलाई को एक दिन का सामूहिक अवकाश करके महासंघ के राज्य अध्यक्ष राजेश ठाकुर की अगुवाई में सरकार को एक मांग-पत्र दिया था।उसके बाद 19 सितंबर को शिमला के चौड़ा मैदान में ‘वादा याद दिलाओ ‘रैली का आयोजन किया जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केबिनेट मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश जिला परिषद कैडर अधिकारी एवं कर्मचारी महासंघ का साथ देने का आश्वासन दिया था।
दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पूरी होने के बावजूद नहीं मिल पाया नियमित वेतनमान– धर्मपुर ब्लॉक में ग्यारह तक तकनीकी सहायकों द्वारा 12 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के उपरांत भी नियमित वेतनमान नहीं मिल पाया है जबकि वह प्रदेश सरकार की अधिसूचना संख्या पीसीएच-एचबी(1)2011-टी-एसवी01-11-51906-55376दिनांक 16-09-2017 के अनुसार दस वर्ष का कार्यकाल पूर्ण के बाद दिनांक 01-04-2021 को नियमित हुए हैं और वेतन में 5910-20200+3000ग्रेड पे मिला।इन सहायकों का कहना है कि उनकी परिवीक्षा अवधि 31 मार्च 2023 को पूर्ण हो चुकी है।और एक अप्रैल 2023 से नियमित वेतनमान 10300-34800+3200 के हिसाब से वेतनमान मिलना था।उसका एफटीओ भी बन चुका था लेकिन मनरेगा से वेतन का भुगतान नहीं हो पाया ।उसके बाद निदेशक पंचायती राज ने एक पत्र के माध्यम से मनरेगा एडमिन के अधीन कर्मचारियों के डीए, बकाया राशि और अन्य भत्तों पर रोक लगा दी गई।
वेतनमान के जो नए एफटीओ बने थे उनको शिमला से रद्द किया गया। वर्तमान में इन तकनीकी सहायकों का वेतन एडमिन से नहीं मेटेरियल मद से वेतन का भुगतान किया जाता है जबकि कोई भी डीए, राशि और अन्य भत्ते बकाया नहीं थे उसके बावजूद भी वेतन रोका गया।तदोपरांत खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से सचिव जिला परिषद मंडी,मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अतिरिक्त उपायुक्त मंडी और निदेशक, पंचायती राज को मांगपत्र भेजे गए लेकिन किसी भी अधिकारी ने सुध लेना जरूरी नहीं समझा।इन तकनीकी सहायकों का न तो एनपीएस कटा और न ही अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त हुए जिसका उन्हें भारी रोष है।तकनीकी सहायकों ने सरकार से मांग की है कि उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाए।