सरकाघाट। पांच माह पुर्व हुई त्रासदी से समुचे क्षेत्र में सैंकडों घर ध्वस्त और क्षतिग्रस्त होने से बहुत से परिवार वेघर हो चुके है। हालांकि ऐसे लोगों को सरकार द्वारा गृह निर्माण के लिए सहायता राशी भी प्रदान की जा रही है लेकिन अभी जिन घरो के आगे पिछे से भारी लैंड संलाईंडिग हुई है और रास्ते सडके व कुए वावडियां टूट चूके है। इन कार्यों को अभी तक सरकार ने छूआ भी नही है, जिसकी वजह से हालात अभी भी सामान्य नही हो पा रहे है। अगर नगर परिषद सरकाघाट के टटीह वार्ड की बात करें तो इस वार्ड में बरसात मे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था कुछ लोग आज भी किराए के मकानो में रह रहे है और कुछ लोग अपने क्षतिग्रस्त घरो में डर-डर कर रहने को मजबूर है लेकिन उनका रहना भी कडी चुनौतियों से भरा हुआ है। सड़क टूट चुकी हैं और रास्ते टूटे हुए है कुएं और वावडियां दव गई है ऐसे हालात में जहां सड़क टूटी हो रास्ते टूट चूके है ऐसे में अपने गांव से बाहर जाना मुश्किल हो जाता है। ऐम्बैूलैंस, गैस की गाड़ी तो आ ही नही सकती है मरीजो को पिठ पर उठाकर और खाने पिने और अन्य जरूरत का सामान सिर पर उठा कर लाना पड़ता है। सबसे बड़ी समस्या है पानी की नलो मे कभी पानी आता है कभी नही आता है और गांव के कुए और वावडियां लैंड स्लाईडिंग की वजह से बंद हो चूकी है, हैंड पम्प भी नही है ऐसी स्थिति में पानी की समस्या सबसे ज्यादा रहती है।
टटीह गांव के वरिष्ठ नागरिक रणजीत सिंह गुलेरिया, बलबीर सिंह ठाकुर, मुकेश, आशीष गुलेरिया, हेमराज, मुहाल सिंह, रमेश चंद, सुरिंदर कुमार, राकेश कुमार, राजेश कुमार, राम चंद, चन्दर प्रकाश, ओम प्रकाश आदि ने दिव्य हिमाचल को बताया कि जव त्रासदी हुई थी तव सभी छोटे बड़े नेताओ में विधायक, मंत्री पुर्व मंत्री, समाजिक कार्यकर्ताओं सहित बड़े-बड़े अधिकारी यहां आ चूके है सभी ने वादे किए लेकिन धरातल पर अभी भी टटीह वार्ड के लोगो के हालात सामान्य नही हो पा रहे है। जिससे लोगो की दिक्कते कम नही बढ़ रही है। उन्होने प्रशासन से मांग कि है कि रास्तो, कुओ वावडियो को खुलवाया जाए जहां डंडे लगने है वहां डंगे लगाए जाए, ताकि पांच माह से काले पानी की सजा भुक्त रहे टटीह वार्ड के सैंकडों लोगो को राहत मिल सके।